NCPCR के डेटा के मुताबिक, देशभर में 30,000 बच्चे ऐसे हैं, जिनके एक या दोनों मां-पिता कोरोना का शिकार हुए हैं.
COVID-19 Relief: राज्यों को सर्वेक्षण और संपर्क के जरिए संकट से घिरे बच्चों का पता लगाना होगा और हर बच्चे के प्रोफाइल के साथ डाटाबेस तैयार करना होगा.
Covid Orphans: अक्सर सरकारी ऐलान फाइलों, प्रेस रिलीज, न्यूज और ट्वीट तक सीमित रह जाते हैं. ऐसे में असली चुनौती इन योजनाओं को लागू करने की है.
गुजरात की विजय रूपाणी सरकार ने कोविड की वजह से अनाथ हुए को हर महीने 4,000 रुपये 18 साल की उम्र तक देने का फैसला किया है.
COVID-19 Impact: कोरोना की वजह से जिन बच्चों से अभिभावक का साथ छूट गया है उन्हें 18 साल की उम्र तक ये पेंशन मिलेगी.
COVID-19 Pandemic: अनाथ बच्चों, बुजुर्गों और परिवारों को पात्रता ना होने पर भी नि:शुल्क राशन दिया जाएगा. उनके भोजन की समस्या का समाधान होगा.
COVID-19 Impact: महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 के कारण बच्चों का अनाथ होना एक सामाजिक समस्या बन रही है.
कोविड की वजह से अनाथ हुए बच्चों की देखभाल और इनका भविष्य सुरक्षित करने की जिम्मेदारी सरकारों को उठानी चाहिए.